आज के पहले शूट का विषय 21 वर्षीय गंभीर कॉलेज छात्र नाना-चान है जो कहता है, "मुझे पढ़ना पसंद है।" - - वह पारदर्शिता की भावना रखने वाली गोरी चमड़ी वाली लड़की है। - - उन्होंने कहा, "विदेशियों ने उस स्मारिका दुकान में आना बंद कर दिया, जहां वह पार्ट-टाइम काम करती हैं।" - - एक सामान्य यौन अनुभव उसने कभी कुछ नहीं किया है लेकिन वह अभी भी विकसित हो रही है। - - वह शर्माते हुए उस आदमी के सवालों का जवाब देती है। - - प्यारा पुष्प अंडरवियर जिसे वह शर्मीली मुस्कान के साथ दिखाती है। - - वह आदमी के निर्देशानुसार कैमरे के सामने अपना शर्मनाक रूप बदल लेती है। - - नाना-चान, जिसने अपनी बोतल में अपने निपल्स खड़े कर लिए हैं, संवेदनशील लगती है और ऐसा महसूस करती है जैसे वह अपने आदमी के दुलार में छटपटा रही है। - - भले ही वह उसे धीरे से छू रही हो, उसका शरीर कांपने लगता है और उसकी पैंटी तेजी से गीली हो जाती है। - - "आह! अफुउ.. नन्न! नहीं!" - - वह इसे बर्दाश्त नहीं कर पाती और अपने पैरों को फैलाकर चरमसुख प्राप्त करती है। - - अपराध और बचाव के बीच स्विच करना, ऐसे व्यक्ति की सेवा करना जो शायद इसका आदी न हो। - - उसने बेढंगे भाव से मुझे धन्यवाद दिया। - - वह धीरे-धीरे सख्त होते लिंग को देखकर शर्मिंदगी से मुस्कुराई और धीरे से अपना कौर उसके मुँह में भर दिया। - - फिर एक फूला हुआ लंड उसकी बेचैन गीली चूत में डाला जाता है। - - कई बार डालने और हटाने से ही नाना-चान की सांसें खुरदरी हो जाती हैं। - - उनका एक्सप्रेशन एक शरारती महिला जैसा है। - - वह अपनी योनि में विकृत लंड का स्वागत करती है और रोते हुए चेहरे के साथ अपने मनभावन शब्दों को चिल्लाती है। - - "हाय! अन्ह! अहसास..! आह्ह!" - - कराहते हुए उसका मुँह खुला रह गया..